यदि आपको अपना मोबाइल फोन अथवा स्मार्टफोन बार-बार चैक करने की लत है तो तो सावधान हो जाएं! क्योंकि ऐसा करना आपके लिए स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। शोध में हुआ खुलासा हाल ही में हुई शोध से पता चला है कि बार-बार फोन चैक करने की आदत संतुष्टि प्रक्रिया को इफेक्ट करती है। अमरीका की टेंपल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक हेनरी विल्मर और जैसन ने इस अध्ययन के माध्यम से स्मार्टफोन और मोबाइल प्रौद्योगिकी के ज्यादा से ज्यादा यूज से वाले दुष्प्रभावों के प्रति बेहतर समझ विकसित करने की कोशिश की है।
आवेग नियंत्रण पर होता है असर शोधार्थियों ने इस अध्ययन के लिए 91 कॉलेज स्टूडेंट्स का प्रश्नावली और संज्ञानात्मक परीक्षणों द्वारा आकलन किया। शोधार्थियों ने निष्कर्षों में पाया कि आसानी से प्रयोग में लाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग आवेग नियंत्रण पर दुष्प्रभाव डालता है और शीघ्र प्रतिफल पाने की प्रवृत्ति को भी बढ़ाता है। प्रतिफल मिलने की संतुष्टि होती है प्रभावित विल्मर का कहना है कि मोबाइल प्रौद्योगिकी का ज्यादा इस्तेमाल या बार-बार फोन चैक करने की ललक अनियंत्रित आवेगों को बढ़ाती है, और प्रतिफल मिलने की संतुष्टि को प्रभावित करती है।
आवेग नियंत्रण पर होता है असर शोधार्थियों ने इस अध्ययन के लिए 91 कॉलेज स्टूडेंट्स का प्रश्नावली और संज्ञानात्मक परीक्षणों द्वारा आकलन किया। शोधार्थियों ने निष्कर्षों में पाया कि आसानी से प्रयोग में लाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग आवेग नियंत्रण पर दुष्प्रभाव डालता है और शीघ्र प्रतिफल पाने की प्रवृत्ति को भी बढ़ाता है। प्रतिफल मिलने की संतुष्टि होती है प्रभावित विल्मर का कहना है कि मोबाइल प्रौद्योगिकी का ज्यादा इस्तेमाल या बार-बार फोन चैक करने की ललक अनियंत्रित आवेगों को बढ़ाती है, और प्रतिफल मिलने की संतुष्टि को प्रभावित करती है।
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